अभिषेक मिसरा

चासनाला । पाथरडीह थाना क्षेत्र के चासनाला जोड़िया नदी किनारे माँ कल्याणेश्वरी मंदिर भक्तों के आस्था का प्रतीक है। जोड़िया नदी किनारे शिला रूप में प्रकट हुई माँ कल्याणेश्वरी का पूजा अर्चना करने के लिए सालों भर भक्तों का भीड़ लगी रहती है। परन्तु नववर्ष के 1 जनवरी को माँ की पूजा अर्चना करने के लिए बुधवार को मंदिर के पुजारी की ओर से विशेष व्यवस्था की गयी थी। और लोग लम्बी कतार में खड़े होकर माँ की पूजा अर्चना कर सुख सवृद्धि की मन्नते माँगी। नववर्ष पर बुधवार 1 जनवरी को अपने पूरा वर्ष सुख सवृद्धि की मनोकामना के लिए कोयलांचल के दूर दराज से भक्तों की भारी भीड़ सुबह 5 बजे से जुटने लगती है। और लम्बी कतार में खड़े होकर लोग माँ के दर्शन के लिए इंतजार करते रहे। भक्तों का मानना है कि माँ से जो भी मन्नते माँगते है, माँ उसे पूरी कर देती है।

माँ की उतपति की कहानी है कि माँ चासनाला ओझा बस्ती के निकट जोड़िया नदी किनारे एक शिला रूप में प्रकट हुई थी। जिसने राजा काली प्रसाद सिंह को स्वप्न दिया था कि मैं चासनाला जोड़िया नदी किनारे आ गई हुँ। मेरा मंदिर निर्माण कराया जाय। जिसके बाद झरिया के राजा काली प्रसाद के बंशज ने मंदिर निर्माण कराया था। तब से राजा के घर से सर्व प्रथम पूजा अर्चना होता था। मंदिर परिसर में एक कस्बा का पेड़ है, जिसमें चुनरी बांधकर भक्त माँ से अपनी मन्नते मांगते हैं। वैसे मानना है कि जो भी भक्त सच्चे मन से मां की पूजा अर्चना कर मन्नते मांगते है मां उनके मुराद पूरी करती है।

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