निशिकांत मिस्त्री

जामताड़ा । मिहिजाम जनजातिय संध्या डिग्री महाविद्यालय मिहिजाम में राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर के अंतर्गत शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया गया इस मौके पर बतौर अतिथि डिग्री कॉलेज इग्नू केंद्र समन्वयक डॉ पूनम कुमारी उपस्थित थीं व ।मुख्य अतिथि एवम शिक्षिकाओं के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन से कार्यक्रम की शुरुआत हुई ।मौके पर मुख्य अतिथि ने कहा कि भारतीय नारी वर्षों से परिवार व समाज के लिए प्रेरणा स्रोत एवं मार्गदर्शन की भूमिका निभाती रही है। महिलाएं परिवार में बच्चों के पालन से लेकर आंदोलन करने की क्षमता तक रखती है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत वर्ष 1908 अमेरिका से हुई। इससे पूर्व भारत में महिलाओं को समानता व अधिकार प्राप्त रहे हैं ।अपने देश में महिलाओं की दशा विदेशी राष्ट्रों के मुकाबले अच्छी रही है। कालांतर में जो कमियां महिलाओं के हितों को लेकर सामने आई है उसका निराकरण का प्रयास भारत सरकार करती रही है। कहा कि पुरुष और महिला एक दूसरे का पूरक है दोनों एक दूसरे के बिना अधूरा है वर्तमान में भौतिकता की चकाचौन्ध में कुछ महिलाएं प्रभावित होकर भटक जा रही है। इससे बचने की आवश्यकता है। मौके पर इतिहास विभाग की शिक्षिका अमिता सिंह ने कहा कि सफलता के पीछे नारी बहुत बड़ी ताकत है। नारी की पहचान पहचान रोशनी के रूप में है। जिस समाज में नारी का सम्मान नहीं हुआ वह समाज जल्द ही पतन के मार्ग पर चला गया है। मौके पर शिक्षिका शबनम खातून पुष्पा टोप्पो डॉ किरण बर्णवाल ने भी महिलाओं के सामाजिक दशा पर अपने विचारों को रखा। मंच संचालन डॉ राकेश रंजन ने किया। कार्यक्रम में कॉलेज प्राचार्य प्रो कृष्ण मोहन साह, एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी रंजीत यादव देवकी पंजियारा, डॉ सोमेन सरकार शंभू सिंह पूनम कुमारी रेखा शर्मा सोमा कुमारी सतीश शर्मा,बास्कीनाथ प्रसाद तथा छात्र छात्राएं थे

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