निशिकांत मिस्त्री
जामताड़ा । नाला विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी को लेकर भाजपा में अंतर्विरोध शुरू हो गया है। माधव महतो के नाम पर कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन कर उनका पुराना वीडियो वायरल किया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे भाजपा प्रत्याशी की सूची के बाद जामताड़ा भाजपा में अंतर्विरोध शुरू हो गया है। नाला विधानसभा के कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर दौड़ रहे सूची में दिए गए नाला विधानसभा प्रत्याशी के रूप में माधव चंद्र महतो के नाम का खुलकर विरोध शुरू कर दिया है। ऐसे वक्त पर जब पार्टी कार्यकर्ता से लेकर मतदाता तक प्रत्याशी का नाम जानने का इंतजार कर रहे हैं, ठीक उसी समय भाजपा के अंदर उठ रहा अंतर्विरोध पार्टी को नुकसान पहुंचा सकता है। वही भीड़ से कुछ कार्यकर्ता पूर्व प्रत्याशी सह पूर्व कृषि मंत्री सत्यानंद झा बाटुल के पक्ष में नारेबाजी भी कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में स्पष्ट समझा जा सकता है कि कार्यकर्ता गुटो में बंट रहें हैं। जिसका नुकसान सीधे तौर पर भाजपा को उठाना पड़ सकता है।
इसके अलावा विरोध प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं ने माधव चंद्र महतो पर दो-दो बार भाजपा को हराने का संगीन आरोप भी लगाया है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि लगातार दो बार उनके विरोध के कारण पार्टी को सीट गंवानी पड़ी। वैसे व्यक्ति को जो पार्टी विरोधी है उसे टिकट दिया जाता है तो पूरा कार्यकर्ता सामूहिक रूप से इस्तीफा दे देगा। नाला विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के अंदर जो स्थिति उत्पन्न हो गई है वह चुनाव में संकट खड़ा कर सकता है। बता दें की माधव चंद्र महतो ने बीते चुनाव में टिकट नहीं दिए जाने पर भाजपा के विरोध में झाविमो (प्र) के टिकट पर चुनाव लड़ा था। जिसके कारण यह सीट बीजेपी को गंवानी पड़ी थी। वह लगातार भाजपा के विरोध में काम भी कर रहे थे। उसके बाद उन्होंने आजसू का दामन थामा था। लेकिन वर्ष 2019 में भी उन्हें सफलता नहीं मिली। उनको 16778 मत प्राप्त किये थे। उसके बाद लोकसभा चुनाव 2024 से पूर्व उन्होंने आजसू छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी और अब टिकट के दावेदार भी बने हुए हैं। लेकिन कार्यकर्ताओं में उनके नाम को लेकर विरोध का स्वर उभरने लगा है। बल्कि विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गया है। कार्यकर्ताओं ने उनका वीडियो वायरल किया है जिसमें वर्ष 2014 में भाजपा द्वारा टिकट काटे जाने पर उन्होंने भाजपा से बगावत का ऐलान किया था।
बहरहाल पार्टी की ओर से अभी तक आधिकारिक रूप से प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं की गई है। लेकिन उससे पूर्व जो विरोध के स्वर उभर कर सामने आने शुरू हो गए हैं उसे देखते हुए पार्टी को इस पर तत्काल पहल करने की आवश्यकता है। कार्यकर्ताओं के गुटों में बिखराव को रोकने के लिए पार्टी को करें निर्णय लेने पढ़ सकते हैं और ऐसे में संभावना है कि पार्टी तीसरे विकल्प पर भी विचार कर सकती है।