निशिकांत मिस्त्री

जामताड़ा । ओलचिकी संथाली भाषा और आदिवासी समुदाय को बचाने को लेकर मांझी परगना के बैनर तले आज आदिवासी समुदाय ने जामताड़ा नगर में एक रैली निकाली, जिसमें झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचकर रैली में भाग लिया। वहीं पुर्व मुख्यमंत्री ने नगर में स्थित धरती आवा भगवान विरस मुंडा सहित वीर पुरुषों को नमन किया। वहीं आदिवासी समुदाय के लोगों ने हांथों में तख्तियां लिए हुवे आवाज बुलंद कर नगर का भ्रमण किया, जिसके पश्चात दुलाडडीह स्थित नगर भवन पहुंची, जहां एक सभा का आयोजन किया गया। आदिवासी समुदाय के लोगों की झारखण्ड सरकार से माँग किया कि ओलचिकी भाषा को शिक्षा में के जी से लेकर पी जी तक कि पढ़ाई में शामिल करें। वहीं नगर भ्रमण के दौरान मीडिया से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन ने कहा कि ओलचिकी भाषा और आदिवासी समुदाय को बचाने के लिए आज संथाल परगना की धरती जामताड़ा में रैली निकाली गई है, आदिवासियों के जमीन, अस्तित्व और अस्मिता को बचाने के लिए हमलोग एकत्रित हुए हैं।

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