चौपारण (हजारीबाग) । प्रखंड में अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटरों की आड़ में चल रहे भ्रूण हत्या के काले खेल ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। सरकारी नियमों और कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए गर्भ में ही मासूमों की हत्या की जा रही है। चौपारण में दर्जनों अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालित हो रहे हैं, जहां खुलेआम गर्भ लिंग जांच और गर्भपात किए जा रहे हैं।
बिना रोक-टोक चल रहे अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटर
कानून के मुताबिक, गर्भ में पल रहे बच्चे के लिंग की जांच करना पूरी तरह अवैध है, लेकिन चौपारण में यह नियम सिर्फ कागजों तक ही सीमित है। क्षेत्र में कई ऐसे अल्ट्रासाउंड सेंटर धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं, जो बिना किसी अनुमति के गर्भस्थ शिशुओं की लिंग जांच कर रहे हैं। भ्रूण के लड़का या लड़की होने की जानकारी मिलने के बाद लड़की होने पर अवैध गर्भपात कर दिया जाता है।
स्थानीय लोगों की मानें तो इन अवैध क्लीनिकों में गर्भपात के लिए मोटी रकम ली जाती है। पीड़ित महिलाएं और उनके परिजन भी डर और शर्म के कारण पुलिस या प्रशासन के पास जाने से बचते हैं। नतीजतन, यह गोरखधंधा बिना किसी रोक-टोक के फल-फूल रहा है।
कानूनों को ठेंगा दिखा रहे भ्रूण हत्यारे
भारत में गर्भ में लिंग जांच और भ्रूण हत्या पूरी तरह से प्रतिबंधित है। पीसीपीएनडीटी एक्ट, 1994 (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques Act) के तहत लिंग जांच कराना और करवाना दोनों अपराध हैं। दोषी पाए जाने पर पांच साल तक की सजा और 50,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। इसके बावजूद चौपारण में प्रशासन की निष्क्रियता के चलते यह अपराध बेधड़क जारी है।
कैसे हो रही है गर्भपात की साजिश
सूत्रों के अनुसार, चौपारण के कई झोलाछाप डॉक्टरों, दलालों और निजी क्लीनिकों की मिलीभगत से यह अवैध धंधा चल रहा है। ये क्लीनिक गर्भवती महिलाओं को पहले अल्ट्रासाउंड जांच के लिए बुलाते हैं, फिर लिंग की जानकारी देकर गर्भपात के लिए दबाव डालते हैं।
गर्भपात के लिए खतरनाक दवाइयों या अवैध सर्जिकल प्रक्रियाओं का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे कई महिलाओं की जान तक चली जाती है। परिजनों को डराकर मामले को दबा दिया जाता है, और प्रशासन मौन दर्शक बना रहता है।
बेटियों को बचाने के लिए कब जागेगा प्रशासन
चौपारण में बेटियों के जन्म से पहले ही उनकी हत्या कर दी जा रही है, और प्रशासन अब तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाया है। सवाल उठता है कि आखिर कब तक ये अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटर चलेंगे? कब तक मासूमों की हत्या होती रहेगी?
अगर जल्द ही प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो आने वाले समय में यह इलाका लिंग असंतुलन के गंभीर संकट से जूझ सकता है।
समाज और सरकार को उठाने होंगे सख्त कदम
प्रशासन को तत्काल इन अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर छापा मारकर इन्हें बंद करना चाहिए।
गर्भपात में संलिप्त डॉक्टरों और दलालों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए
स्थानीय लोगों को भी जागरूक होकर इस अपराध के खिलाफ आवाज उठानी होगी।
गर्भ में बेटियों की हत्या करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा सिर्फ पोस्टरों तक सीमित नहीं रहना चाहिए। जब तक प्रशासन अवैध अल्ट्रासाउंड और भ्रूण हत्या के गोरखधंधे पर लगाम नहीं लगाएगा, तब तक समाज में बेटियों का अस्तित्व खतरे में बना रहेगा।
क्या चौपारण प्रशासन इस घिनौने अपराध को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएगा, या फिर यह खूनी खेल ऐसे ही चलता रहेगा
सीएचसी प्रभारी डॉक्टर सतीश कुमार सिंह से बात करने पर उन्होंने बताया कि ग्रामीणों द्वारा अवैध अल्ट्रासॉउन्ड का सुचना लगातार मिल रहा है बहुत जल्द होगी बड़ी कार्रवाई।
मामले की जानकारी सिविल सर्जन कार्यालय को भी दी गई है